रविवार, 6 सितंबर 2015

Software क्या है? और इसके प्रकार।

सॉफ्टवेयर (Software) को समझने से पहले हमे कुछ चीजे समझनी होगी या कुछ शब्दों का मतलब जानना होगा जिसका उपयोग हम कंप्यूटर विज्ञान में करते है।
1. इंस्ट्रक्शन (Instruction): जैसा की इसके नाम से ही पता चल रहा है instruction का अर्थ है आदेश।ये जरुरी नही की जो कंप्यूटर को दिया जाए सिर्फ वही आदेश है। अपने रोजमर्रा की जिंदगी में भी जब हम किसी को कोई कार्य करने को कहते है उसे हम इंस्ट्रक्शन (Instruction) कहते है। पर कंप्यूटर की भाषा में, instruction सिर्फ एक कार्य किये जाने के लिए दिए गए आदेश को कहेंगे ।
अब हम समझते है प्रोग्राम (Program).
2. Program (प्रोग्राम) : कई instrction को मिला कर कार्य करने को कहा जाये जिसका उद्देश्य सिर्फ एक हो उसे प्रोग्राम कहते है।
दूसरे शब्दों में जब किसी एक कार्य को करने के लिए कई छोटे कार्य करने पड़ते हो तो वो प्रोग्राम कहलायेगा।
जैसे: पेंटिंग करना: पेंटिंग करना सिर्फ एक काम है पर उसमे कई instruction दिए गए होते है या कई tool उन सभी टूल्स (पेंसिल, कलर चुनना, मिटाना आदि)का इस्तेमाल करना भी पेंटिंग में आ गया तो यहाँ हम टूल्स को instruction मान ले और पेंटिंग को program.
सॉफ्टवेयर (software): सॉफ्टवेयर कई प्रोग्राम्स को मिला कर बनाया जाता है। कई प्रोग्राम मिल कर एक सॉफ्टवेयर का निर्माण करते है। Instruction किसी की भी सॉफ्टवेयर की सबसे छोटी इकाई है। सॉफ्टवेयर प्रोग्राम और इंस्ट्रक्शन की तुलना में सबसे बड़ी है।
जैसे: फोटोशॉप: फोटोशॉप की मदद से आप किसी भी फ़ोटो के रूप रेखा बदल सकते है । पर एक फोटोशॉप के सॉफ्टवेयर से आप उसपर कलाकृति कर सकते है, अपना नाम लिख सकते है आदि ये सब प्रोग्राम है। और इन सभी को मिला कर बना फोटोशॉप।
सॉफ्टवेयर के प्रकार:
सॉफ्टवेयर मुख्यतः 2 प्रकार के होते है:
1. System Software (सिस्टम सॉफ्टवेयर)
2. Application Software (एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर)
तो आइये इसके बारे में जानते है।
1. System Software: जैसा की हम सभी जानते है की कंप्यूटर को हम सिस्टम(System) भी कहते है। (क्यों? क्योंकि ये कई devices को मिला कर बनाई गई है। और सभी का कार्य करना जरुरी है)
इसलिए ऐसा software जिसका प्रयोग सिस्टम को चालने में किया जाता है उसे System Software कहते है।
अकेले मशीन तो सिर्फ कार्य नहीं कर सकती न वो तो सर्फ एक खाली डिब्बे की तरह है या फिर एक व्यक्ति के शरीर के तरह अब इस शरीर को चलाने के लिए आत्मा की जरुरत तो होगी ही।तो यहाँ कंप्यूटर की आत्मा system software है।
सिस्टम सॉफ्टवेयर की मदद से हम खाली डिब्बे में जान डाल देते है और उसे अपने तरीके से कार्य करने को कहते है।
दूसरे शब्दों में कहे तो System software user यानि की हम और hardware के बीच का माध्यम(interface) की तरह होता है। जिसका कार्य हमारे आदेशो को, हमारी बातो की कंप्यूटर को समझाना और कंप्यूटर की बातो को हमे बताना।
इसी system software का एक उदाहरण है Operating System (ऑपरेटिंग सिस्टम) इसके बारे में हम आगे जानेंगे।
अब आते है Software के दूसरे प्रकार पर:
2. एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software): Application का मतलब होता है उपयोग या इस्तेमाल। ऐसा software जिसका उपयोग हम अपने कामो के लिये करते है उन्हें application software कहते है।
जैसे: MS Office जहा हम लिखते है, गुना गाडीत करते है, अपना बही खाता बनाते है। ये application software है।  इसके बारे में हम विस्तार से अगले कड़ी में समझायेंगे।
सॉफ्टवेयर का एक और प्रकार है:
Utility software (यूटिलिटी सॉफ्टवेयर): Utility का हिंदी में अर्थ है 'जनोपयोगी सेवा'। जिस प्रकार हम बीमार पड़ते है तो हमे डॉक्टर की जरुरत पड़ती है उसी प्रकार सॉफ्टवेयर में कोई दिक्कत(error) आ जाये तो उसे utility software की मदद से सही किया जाता है।
दूसरे शब्दों में सॉफ्टवेयर की गड़बड़ी को दूर करने और उसे सुचारू रूप से करते रहने के लिए जिस सॉफ्टवेयर का प्रोयग किया है उसे utility software कहते है।
जैसे: antivirus (एंटीवायरस) यह सॉफ्टवेयर आपके कंप्यूटर को सही तरीके से चलने में मदद करता है और आने वाले virus को दूर रखता है।
वायरस: एक ऐसे प्रोग्राम होते है जिनका उपयोग आपके कंप्यूटर में बड़े चीजे (data) को चोरी या उनको ख़राब(corrupt) करने के लिए बनाया जाता है।
तो इस प्रकार आप software और उसके प्रकार के बारे में जान गए अब बारी है Operating Sytem को समझने की जो की हम आगे समझेंगे।
आपको कोई भी प्रश्न हो तो हमारे website के contact us पेज पर जा कर हमसे प्रश्न पूछ सकते है।

शुक्रवार, 4 सितंबर 2015

Hardware (हार्डवेयर) क्या होता है? व उसके प्रकार।

अभी हमने जाना था कंप्यूटर क्या होता है और कहा कहा इस्तेमाल होता है।
अब हम जानेंगे की 'सॉफ्टवेयर' व 'हार्डवेयर' क्या होता है?
तो चलिए शुरुवात करते है Hardware (हार्डवेयर) से।

हार्डवेयर: शब्द Hardware दो शब्दों से मिल कर बना है। Hard(हार्ड)+ Ware(वेयर), हार्ड मतलब 'ठोस' और वेयर का अर्थ 'सामान' होता है। अर्थात 'ठोस सामान', अगर हम इसके शब्द पर आधारित इसकी परिभाषा(definition) देना चाहे तो वो कुछ इस प्रकार होगी,
"कंप्यूटर में लगे सभी ठोस वस्तु को ही हार्डवेयर (Hardware) कहते है।" इस परिभाषा के अनुसार कंप्यूटर से जुड़े जितने भी उसके भाग(Parts) है जिसे हम छु कर महसूस कर सकते है उन्हें हार्डवेयर कहा जाता है। जैसे: मॉनिटर, कीबोर्ड, माउस आदि
पर अगर इस परिभाषा को हम और उत्तम तरह से लिखना चाहे तो हम लिखेंगे, ' कंप्यूटर से जुड़े सभी भौतिक(physical) electronic वस्तुए(components) जिसकी मदद से हम कंप्यूटर को सही तरीके से चला सके उसे हमे हार्डवेयर कहते है।

हार्डवेयर के प्रकार:
कंप्यूटर में हार्डवेयर को दो भागो में विभाजित किया गया है:
1. इनपुट यन्त्र (Input Device)
2. आउटपुट यन्त्र (Output Device)

आइये इनके बारे में विस्तार से जाने:
1.इनपुट डिवाइस: जैसा की इनके नाम से ही प्रतीत होता है Input, दो शब्द 'In(इन)' व 'put(पुट)' से बना है। इन (in) का मतलब 'भीतर' या अंदर और पुट(put) का अर्थ 'समावेशित करना' या 'अंकित करना' है।
अर्थात ऐसा यन्त्र जिसकी सहायता से हम अपने विचार या आदेश कंप्यूटर में अंकित या समावेशित कर सके उसे हमे Input Device या इनपुट यन्त्र कहते है। जैसे: कीबोर्ड, माउस, माइक्रोफोन, स्कैनर आदि।
कीबोर्ड: इसकी सहायता से हम शब्दों को कंप्यूटर तक पहुचाते है। अर्थात शाब्दिक आदेश हम कीबोर्ड की सहायता से कंप्यूटर को पालन करने को कहते है।
माउस: यह हमारे उंगलियो की तरह कार्य करता है। जिसकी मदद से हैं छु कर कोई आदेश दे सकते है। जैसे फोल्डर खोलना: किसी फोल्डर को खोलने के लिए हमे दो बार उस पर क्लिक करना पड़ता है इससे कंप्यूटर को पता चल जाता है की यूजर(user) यानि की हम ये फोल्डर खोलना चाहते है।

अब बात करते है: 
2.आउटपुट यन्त्र(Output Device): आउटपुट शब्द भी दो शब्दों से मिलकर बना है, Out(आउट)+Put(पुट)। Out का अर्थ है 'प्रकाशित' या बाहर और Put का अर्थ समावेशित करना या अंकित करना।
इस प्रकार इसका शब्दिक अर्थ हो गया, " बाहर अंकित करना",।
अंदर जो हमे प्रदर्शित नही हो रहा था क्योंकि वो कंप्यूटर के लिए था परंतु इसमें बहार प्रदर्शित हो रहा है अर्थात ये हमारे या फिर User के लिए है।
इससे इसकी परिभाषा है,
"ऐसा यन्त्र जिसकी सहायता से कंप्यूटर को दिए गए आदेश का पालन होने के बाद उसका परिणाम हम देख सके।"
जैसे: मॉनिटर, प्रिंटर, स्पीकर आदि।
मॉनिटर(Monitor): यह एक टीवी की तरह दिखने वाला यन्त्र है जिसकी सहायता से हम सारे आदेशो का सारांश व परिणाम हम देखते है। जैसे: चलचित्र (video) चलाने का आदेश देने पर हमारे स्क्रीन(screen) पर वीडियो दिखाई देने लगती है।
प्रिंटर(Printer): इसकी सहायता से हम स्क्रीन पर अंकित या प्रदर्शित हो रहे परिणाम को हम कागज़ या किसी ठोस वस्तु पर अंकित कर सकते है। हमने आदेश दिया और प्रिंटर हम कागज पर अंकित कर हमारे आदेश का पालन करता है।
स्पीकर(Speaker): इसकी सहायता से हम गाना सुन सकते है। ये गाना या धुन हमारे लिए होता है।
सारांश में देखे तो वो यन्त्र जो कंप्यूटर को समझाने के लिए इस्तेमाल करते है वो इनपुट डिवाइस कहते है और उन यंत्रो को जिनकी मदद से हम आदेश का पालन होने के बाद या होते हुए देखेते है उसे आउटपुट डिवाइस कहते है।

Computer क्या है? और हम क्यों इसके बारे में पढ़ते है?

Computer शब्द 'Compute' शब्द से बना है, जिसका अर्थ है गणना करना।
Computer एक electonic यन्त्र है(जो बिजली से चलता है) जिसका उपयोग हम कठिन कार्य को सरलता से करने के लिए करते है। इसका प्रमुख उद्देश्य 'गणना' करना है।
कंप्यूटर हमारी भाषा को न ही समझता है और न ही वह उसपर कार्य करता है । Computer की अपनी अलग भाषा है जिसे वो समझ कर उस पर कार्य करता है।और वो भाषा है  'Machine language' जो की 'Binary'( बाइनरी) में है।
(सके बारे में हम आगे विस्तार से पढ़ेंगे)
कंप्यूटर दो प्रकार के उत्पादों का समूह है  या कंप्यूटर  दो चीजो से मिलकर बना है:
1. Software(सॉफ्टवेयर)
2. Hardware(हार्डवेयर)
आगे बढ़ने से पहले हम कंप्यूटर की उपयोगिता को जान लेते है जो की निम्नलिखित है:
कंप्यूटर का इस्तेमाल आज हम लगभग हर जगह करते है। जहा पर भी हमे काम आसानी से, सुचारू ढंग से और जल्दी कराना रहता है वहा हम कंप्यूटर का इस्तेमाल करते है।
जैसे: रेलवे रिजर्वेशन में, हॉस्पिटल में, रक्षा क्षेत्र में, शिक्षा के क्षेत्र आदि में।
कंप्यूटर विज्ञान पढ़ने का प्रमुख उद्देश्य: ये है की हम कंप्यूटर का इस्तेमाल अपने अनुसार करना सीख जाये। आने वाला युग कंप्यूटर युग ही है और ऐसे में कंप्यूटर का ज्ञान न होना पूर्ण ज्ञान न होने जैसा है।
आज सबसे अधिक आय भी कंप्यूटर में रूचि रखने वाले या फिर उसके बारे में जानकारी रखने वाले को ही मिलती है फिर वो चाहे किसी भी क्षेत्र का क्यों न हो।
चलिये आगे जानते है: Software और Hardware के बारे में।

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